NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। तीसरे चरण की गिनती में ही उन्होंने राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 50 फीसदी वोट हासिल कर लिए।
अभिनंदन
उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया। मुर्मू की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए के नेताओं ने मुर्मू को जीत की बधाई दी।
द्रौपदी मुर्मू ने 1994 से 1997 के बीच रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटेग्रेटेल एजुकेशन एंड रिसर्च में एक शिक्षिका के रूप में काम किया।
1997 में उन्होंने अधिसूचित क्षेत्र परिषद में एक निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
एक शिक्षिका के रूप में उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में विभिन्न विषयों को पढ़ाया। मयूरभंज के छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया है।
मुर्मू मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा में स्थित एक छोटे से स्कूल से पढ़ी हैं। मुर्मू आदिवासी समाज से देश की पहली राष्ट्रपति होंगी।
भावी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म के पति और 2 बेटों के निधन के बाद उन्होंने अपने घर को एक बोर्डिंग स्कूल में तब्दील कर दिया। जहां आज भी स्कूल संचालित हो रहा है।