मृत्यु के बाद भी: ये कम्यूनिस्ट नेता आज भी सजे हैं मकबरों में,

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मृत्यु के बाद भी: ये कम्यूनिस्ट नेता आज भी सजे हैं मकबरों में

रूस के इतिहास में लेनिन एक महत्वपूर्ण शख्स के तौर पर जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में ही 1917 में रूस की क्रांति हुई थी। 

जिसके बाद रूस के शासक निकोलस ज़ार द्वितीय को हटाकर बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता हासिल की। 1924 में 54 वर्ष की आयु में लेनिन की मृत्यु हो गई।

बाद में उनके दिमाग को अलग कर उनके शरीर को सहेज कर रख दिया गया।

उनका शरीर आज भी मॉस्को में रेड स्क्वायर पर स्थित लेनिन के मकबरे में देखा जा सकता है।

रूस में साम्यवादी शासन के बाद उन्होंने चीन में भी अपनी आइडियोलॉजी का प्रसार करना शुरू कर दिया। यहां रूस के साम्यवादियों ने माओ त्से तुंग के साथ मिलकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई।

आधुनिक चीन का श्रेय माओ को ही जाता है। उन्हें सांस्कृतिक क्रांति के नाम पर 7 करोड़ लोगों की मौत का दोषी माना जाता है।

साल 1976 में उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर को कंजर्व किया गया। इसे आज भी बीजिंग में माओत्से तुंग के मकबरे में देखा जा सकता है।

किम इल सुंग उत्तर कोरिया के पहले शासक थे, जिन्होंने कोरियाई युद्ध का आगाज किया था।

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1994 में किम इल सुंग की मृत्यु हो गई। 1994 में किम इल सुंग की मृत्यु हो गई। 1994 में किम इल सुंग की मृत्यु हो गई।


10 दिनों के सार्वजनिक शोक के बाद उनके शरीर को संरक्षित किया गया। उनका शव पैलेस ऑफ सन कुमसुसान में बने उनके मकबरे में रखा गया है।

उत्तर कोरिया के तनाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल का शव भी संरक्षित

किम जोंग इल उत्तर कोरिया के नेता किम इल सुंग के बेटे थे। उन्होंने अपने पिता के क्रूर शासन की विरासत को बरकरार रखा।

उन्होंने खुद को मसीहा के तौर पर स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 2011 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर को भी संरक्षित किया गया है।